Posts

Showing posts from October, 2025

जानिए ज्योतिषशास्त्र व हिन्दू धर्म के अनुसार अधिमास में क्या करें व क्या न करें

Image
  जानिए ज्योतिषशास्त्र व हिन्दू धर्म के अनुसार अधिमास में क्या करें व क्या न करें भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार में हिन्दू मास को श्रेष्ठ उत्तम माना गया है। द्वादश मासों के कम-अधिक होने की व्यवस्था चंद्र मास में ही होती है, लेकिन यह निर्णय सूर्य संक्रांति से होता है। सामान्यतः प्रत्येक माह में संक्रांति अर्थात सूर्य का राशि परिवर्तन एक बार अवश्य रहने से चंद्र मास की प्रक्रिया सहज चलती रहती है। जब मास में 2 सौर संक्रांतियों का समावेश हो जाए तो क्षय मास आता है एवं जिस माह में सूर्य संक्रांति का अभाव हो, उसे 'अधिकमास' कहते हैं। सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है।   वर्ष की गणना के अनुसार 32 महीने 16 दिवस 1 घंटा 36 मिनट के अंतर से अधिकमास का चक्र प्रारंभ होता है। सौर वर्ष 365 दिन 6 घंटे 11 सेकंड के मान का बना है जबकि चंद्र वर्ष 354 दिन 9 घंटे का होता है। सौर वर्ष और चंद्र वर्ष के मध्य होने वाले फर्क को अधिकमास द्वारा बांटा जाता है। अधिकमास भगवान को प्रिय होने के कारण उन्होंने इसे अपना ना...